सरकार को चाहिए कि आनलाइन शिक्षा की पूरी ब्यवस्था सरकारी खर्चे से कर बनाए बच्चों का भविष्य राजन यादव
आशुतोष कुमार पांडेय के साथ बिनोद पासवान की खास रिपोर्ट-
राजन यादव उर्फ अर्थीबाबा ने प्राइवेट मास्टर वर्कर्स एम्प्लाइज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ दिया धरना
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पोर्टल के माध्यम से ज्ञापन देकर राजन यादव उर्फ अर्थीबाबा ने कहा है कि जब कोरोना के कारण सभी सरकारी स्कूलों,प्राइमरी,जूनियर व अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं तो उन अध्यापको को स्कूलों में ड्यूटी पर बुला कर उनको व उनके परिवार को कोरोना के खतरे में क्यो डाला जा रहा है ।अर्थी बाबा ने कहा कि
यदि ऑनलाईन क्लास भी चलानी है तो सभी सरकारी शिक्षकों को एक लेपटॉप व मोबाइल फ़ोन दिया जाए और साथ मे डाटा के लिए पैसे भी दिया जाय ।वे अपने घर से ऑनलाइन पढ़ाये ।सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स लगभग सभी गरीब व मजदूर परिवार के बच्चे हैं जिनके पास एंडरायड वाट्स अप वाला मोबाइल फोन नही हैं। क्योंकि उनके परिवार की स्थिति इतनी अच्छी नही की इस बेरोजगारी में अपने बच्चों ऑनलाइन पढ़ने के लिए मोबाइल खरीद सके ।उनके घर दो टाइम भोजन जुटाने को लाले पड़े हैं तो मोबाईल खरीदना तो उनके लिए सपना जैसा है आगे अर्थी बाबा ने कहा कि इस समय लॉक डाउन व कोरोना महामारी के बजह से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार के मुखिया की रोजीरोटी चला गया हैं। इसको देखते हुए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार वालो को 25 गेंहू किलो, 25 किलो चावल, 25 किलो आलू व 10 किलो प्याज व 5 किलो दाल व 5 किलो सरसों का तेल व 5 किलो चीनी व एक किलो चाय पत्ती व 1000 नगद आर्थिक मदद सरकार के तरफ से दिया जाना चाहिए ।
इस आपातकाल में निम्नलिखित सुविधाओं को देना सरकार की जिम्मेदारी दायित्व बनता है ।और सरकारी स्कूलों के अध्यापकों बच्चों का हक्क बनता है, इन सारी सुविधाओ पर मा.प्रधानमंत्री जी को ध्यान देना चाहिए ।
अर्थी बाबा ने कहा कि यदि मेरी मांग पूरी नही होती है तो हम उच्चतम न्यायालय का सहारा लेने को बाध्य होंगे।